बेवजह : सब ठीक हो जायेगा......
एक समय तसल्ली से तसल्ली नहीं होती थी
सब ठीक हो जायेगा बेवजह लगता था
बीते कल जो बिना सिर पैर की बातें लगती थी
आज सुनने को तरस जाते हैं.
कोई गलती से भी बोल दे तो लगता है कितना अपना हैं
कोई इतना कह दे तो ही बहुत हैं
ज़िन्दगी की इस किताब में चाह के भी उस पन्ने को दोबारा खोल नहीं पाते हैं
बस उस बेवजह तसल्ली के लिए तरस के रह जाते हैं.
कभी-कभी बस उस बेवजह तसल्ली को सोच कर मुस्कुरा लेते हैं
बड़ा बल मिलता है ज़िन्दगी से लड़ने का
फिर लड़ते लड़ते जंग तो जीत जाते हैं
पर फिर उस बेवजह तसल्ली को ना देख कर
मुस्कुराते हुए आंसू आ जाते हैं
उस पाठ को तो दोहरा नहीं सकते, ना उस पन्ने को देख सकते हैं
बस बेवजह तुम्हे याद करके उस बेवजह तसल्ली के लिए तरस जाते हैं.
एक समय तसल्ली से तसल्ली नहीं होती थी
सब ठीक हो जायेगा बेवजह लगता था
बीते कल जो बिना सिर पैर की बातें लगती थी
आज सुनने को तरस जाते हैं.
कोई गलती से भी बोल दे तो लगता है कितना अपना हैं
कोई इतना कह दे तो ही बहुत हैं
ज़िन्दगी की इस किताब में चाह के भी उस पन्ने को दोबारा खोल नहीं पाते हैं
बस उस बेवजह तसल्ली के लिए तरस के रह जाते हैं.
कभी-कभी बस उस बेवजह तसल्ली को सोच कर मुस्कुरा लेते हैं
बड़ा बल मिलता है ज़िन्दगी से लड़ने का
फिर लड़ते लड़ते जंग तो जीत जाते हैं
पर फिर उस बेवजह तसल्ली को ना देख कर
मुस्कुराते हुए आंसू आ जाते हैं
उस पाठ को तो दोहरा नहीं सकते, ना उस पन्ने को देख सकते हैं
बस बेवजह तुम्हे याद करके उस बेवजह तसल्ली के लिए तरस जाते हैं.
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